चचरी पुल पार कर छठ घाट पर पहुंचते हैं श्रद्धालु

चचरी पुल पार कर छठ घाट पर पहुंचते हैं श्रद्धालु

मोतिहारी के लोग आज भी चचरी पुल के सहारे लोक आस्था का महा पर्व छठ करने के लिए घाट पर जाते हैं. इसको लेकर ग्रामीण कई बार सरकारी महकमे से लेकर जन प्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन उनकी मांग को कोई सुनने वाला नहीं है. जिसका नतीजा है की सभी श्रमदान से चचरी पुल का निर्माण कर सभी छठ घाट आते हैं और जाते हैं. यह चचरी पुल बंजरिया प्रखंड क्षेत्र के बकुलहरा और लक्ष्मीपुर के बीच से गुजरने वाली बंगड़ी नदी का है.

दोनों गांव को आपस में बांटने वाली बंगड़ी नदी पर आज तक पुल का निर्माण नहीं हो सका, जिसके कारण यहां के लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. नदी इस पार से उस पार जाने के लिए लोग श्रमदान से चचरी पुल का निर्माण करते हैं और आवाजाही करते हैं. हालांकि, इस चचरी पुल से गिरकर कई लोग घायल हो चुके हैं. लेकिन उनके पास दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है. महज 1 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए करीबन 10 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है.

700 से अधिक लोग घाट पर आते हैं महापर्व छठ करने

बंगड़ी नदी के दोनों तट पर बसा लक्ष्मीपुर और बकुलहरा गांव के लोग बकुलहरा के तरफ छठ घाट बनाया जाता हैं. जहां दोनों गांव के लोग एक साथ छठ पर्व करते है. लेकिन दोनों गांव के बीच से बंगरी नदी के गुजरने के कारण लोगों को कठिनाई होती हैं. जिसके वजह से दोनों गांव के लोग मिलकर चचरी पुल बना आवाजाही करते हैं.

चचरी पूल बन जाने से रामगढवा की दूरी हो जाती है कम

ग्रामीण कृष्णा कश्यप शीत दर्ज भर ग्रामीणों ने बताया की नदी पर पुल नहीं होने के कारण काफी कठिनाई होती है. जिसका नतीजा है ग्रामीण आपसी योगदान से चचरी पुल बना कर काम चलाते हैं. इस नदी पर पुल बन जाने से 12 किलोमीटर रामगढ़वा की दूरी कम हो जाएगी, सभी ऑफिसरों से लेकर जन प्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाए लेकिन किसी ने इसकी सुध तक नहीं ली.